भारत में UPI (Unified Payments Interface) के माध्यम से डिजिटल पेमेंट्स का चलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन कई बार जल्दबाजी या गलत यूजर आईडी चुनने के कारण पैसे गलत अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते हैं। अगर आपके साथ ऐसी गलती हो गई है, तो घबराएं नहीं।
सही तरीके को फॉलो करके आप पैसे वापस पा सकते हैं। इसके लिए आपको पहले ट्रांजैक्शन का स्क्रीनशॉट सेव करें, जो की आपका प्रमाण होगा। इसके बाद, अपने bank की कस्टमर केयर (24×7 हेल्पलाइन) पर तुरंत कॉल करें या नजदीकी ब्रांच में शिकायत दर्ज कराएं।
बैंक को ट्रांजैक्शन आईडी, तारीख, समय, रकम, और रिसीवर का UPI ID/नंबर जैसी पूरी जानकारी दें। बैंक रिसीवर के अकाउंट होल्डर से संपर्क कर पैसे वापसी की रिक्वेस्ट करेगा। अगर रिसीवर सहमत होता है, तो पैसे 3-7 दिनों में रिफंड हो जाते हैं। लेकिन अगर वह मना कर दे, तो NPCI और RBI की प्रक्रिया आगे काम आती है।
NPCI के पोर्टल पर कैसे करें शिकायत?
NPCI (National Payments Corporation of India) ने पोर्टल लॉन्च किया है। यहां शिकायत करने के लिए आपको निचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा:
- स्टेप 1: NPCI Dispute Redressal पोर्टल पर जाएं।
- स्टेप 2: ‘Register a Complaint’ सेक्शन में जाकर ‘UPI’ चुनें।
- स्टेप 3: ट्रांजैक्शन टाइप (Person-to-Person या Merchant) और सभी डिटेल्स (ट्रांजैक्शन आईडी, रकम, तारीख) भरें।
- स्टेप 4: बैंक स्टेटमेंट और स्क्रीनशॉट अटैच करके फॉर्म सबमिट करें।नोट: शिकायत ट्रांजैक्शन के 3 दिन के अंदर दर्ज करें। NPCI 15-30 दिनों में केस का निपटारा करती है।
बैंक और NPCI से समाधान न मिलने पर RBI लोकपाल की मदद लें
अगर बैंक या NPCI 30 दिनों के अंदर समाधान नहीं करते, तो आप RBI के बैंकिंग लोकपाल (Ombudsman) से सीधे संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए RBI की वेबसाइट पर जाकर ‘Complaint against Banks’ सेक्शन में ऑनलाइन फॉर्म भरें।
केस से जुड़े सभी दस्तावेज जैसे बैंक की चिट्ठी, NPCI का जवाब, और ट्रांजैक्शन प्रूफ अपलोड करें। RBI इस शिकायत की जांच करके 30 दिनों के अंदर बैंक को रिफंड प्रोसेस पूरा करने का निर्देश देता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह मुफ्त है और इसमें किसी वकील की जरूरत नहीं होती।
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UPI ट्रांजैक्शन लिमिट और सावधानियां
गलत ट्रांजैक्शन से बचने के लिए UPI की लिमिट को समझना जरूरी है। सामान्य यूजर्स प्रतिदिन ₹1 लाख तक (प्रति ट्रांजैक्शन ₹1 लाख) भेज सकते हैं, जबकि इंश्योरेंस या कैपिटल मार्केट से जुड़े पेमेंट्स के लिए यह लिमिट ₹2 लाख और IPO इन्वेस्टमेंट के लिए ₹5 लाख तक है।
अपने UPI ऐप में लिमिट सेटिंग को कम करके रखें, ताकि बड़ी रकम गलती से ट्रांसफर होने का रिस्क कम हो। साथ ही, ट्रांसफर से पहले रिसीवर का नाम और UPI ID दो बार चेक करें, QR कोड स्कैन करते समय सावधानी बरतें, और नए यूजर्स को पैसे भेजने से पहले ₹1 का ट्रायल ट्रांजैक्शन कर लें।
आंकड़े और निष्कर्ष
NPCI के अनुसार, 2023 में UPI पर 10,000 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन हुए, जिनमें से 0.02% केस गलत पेमेंट्स के थे। इनमें से 85% मामलों में बैंक्स ने 15 दिनों में पैसा वापस कर दिया। इससे साफ है कि सही प्रोसेस अपनाकर आप अपने पैसे वापस पा सकते हैं। डिजिटल भुगतान सुरक्षित है, बशर्ते आप ट्रांजैक्शन के समय सतर्क रहें और NPCI या RBI के Guidelines का पालन करें।
इस जानकारी को शेयर करें ताकि अधिक लोग UPI रिफंड प्रोसेस के बारे में जागरूक हो सकें। कोई प्रश्न हो तो कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं!