भारतीय बाजार में आज सोने और चांदी की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। पिछले कुछ हफ्तों से लगातार बढ़ रही कीमतों के बाद यह बदलाव निवेशकों और ग्राहकों के लिए राहत भरा संदेश लेकर आया है। अगर आप भी सोना-चांदी खरीदने के इंतजार में थे, तो यह समय अच्छा मौका हो सकता है।
इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 मई की सुबह 24 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम ₹1,02,521 पर, 22 कैरेट (ज्वैलरी के लिए) ₹94,450 पर, और 18 कैरेट सोना ₹77,277 पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी की कीमत प्रति किलो ₹1,02,620 दर्ज की गई। ध्यान रहे, ये दरें जीएसटी और अन्य टैक्स को छोड़कर हैं, इसलिए सटीक जानकारी के लिए स्थानीय ज्वेलर से संपर्क करना उचित होगा।
शहरों में सोने के दाम
City | 24 Carat Gold (₹) | 22 Carat Gold (₹) |
---|---|---|
Delhi | 98,093 | 89,933 |
Mumbai | 97,947 | 89,787 |
Chennai | 97,941 | 89,781 |
Kolkata | 97,945 | 89,785 |
Bangalore | 97,935 | 89,775 |
गिरावट के पीछे क्या है वजह?
आज की गिरावट के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारक जिम्मेदार हैं। सबसे पहले, अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े बाजारों से मिले पॉजिटिव इकोनॉमिक आंकड़ों ने निवेशकों का रुझान शेयर बाजार और Cryptocurrency जैसे जोखिम भरे विकल्पों की ओर मोड़ दिया है, जिससे सोने की मांग में कमी आई। दूसरा कारण अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है।
डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी के बावजूद, इंटरनेशनल बाजार में सोने की महंगाई और भारत में आयात शुल्क ने दामों को नीचे धकेला। साथ ही, अमेरिकी फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से निवेशकों ने सोना बेचकर बॉन्ड या FD जैसे सुरक्षित विकल्पों को प्राथमिकता दी।
इसके अलावा, लगातार बढ़ती कीमतों के बाद “प्रॉफिट बुकिंग” के चलन ने भी गिरावट को तेज किया। विशेषज्ञ इसे बाजार का स्वाभाविक सुधार मान रहे हैं।
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निवेशकों के लिए क्या है संभावना?
यह गिरावट निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकती है। अक्षय तृतीया या शादी के सीजन से पहले कम कीमत पर सोना-चांदी खरीदना भविष्य में बेहतर रिटर्न दे सकता है। एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि निवेश पोर्टफोलियो का 10-15% हिस्सा सोने-चांदी में रखने से शेयर बाजार की अस्थिरता (fluctuation) के दौरान नुकसान कम होता है।
साथ ही, मुद्रास्फीति (inflation) के समय में सोना पैसे की वैल्यू को बचाने का एक प्रभावी तरीका माना जाता है। अगर महंगाई बढ़ती है, तो सोने की कीमतों में भी उछाल आने की संभावना रहती है।
भविष्य में क्या बढ़ेंगे दाम?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह गिरावट अल्पकालिक हो सकती है। यूक्रेन-रूस संघर्ष या मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव जैसी Geopolitical घटनाएँ निवेशकों को फिर सोने की ओर मोड़ सकती हैं। इसके अलावा, अक्टूबर-नवंबर में भारत में दिवाली और शादियों का सीजन शुरू होगा,
जिससे सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही, भारत, चीन और रूस जैसे देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने का भंडार बढ़ाने की रणनीति भी दामों को सपोर्ट करेगी।
समझदारी से करें निवेश
बाजार की अस्थिरता को देखते हुए बिना सोचे-समझे निवेश न करें। कीमतों में उतार-चढ़ाव का विश्लेषण करें और वित्तीय सलाहकार से सलाह लेकर ही बड़े फैसले लें। छोटी मात्रा में खरीदारी करके पोर्टफोलियो को संतुलित रखना समझदारी होगी। याद रखें, सोना-चांदी लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त हैं, इसलिए जल्दबाजी से बचें।
नोट: यह जानकारी सामान्य विश्लेषण पर आधारित है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें। आज का बाजार नए अवसर लेकर आया है, लेकिन सही समय और सही रणनीति ही सफलता दिला सकती है!