हरियाणा अब अपनी ताकतवर संस्कृति और युवाओं की प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने के लिए तैयार है। राज्य सरकार ने एक ऐसी योजना पर मुहर लगाई है, जो हरियाणा को फिल्म निर्माण का हब बना सकती है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में दो चरणों में फिल्म सिटी बनाने का ऐलान किया है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ स्थानीय कलाकारों को बड़ा मंच देगा, बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराएगा। आइए जानते हैं कि कैसे यह प्लान राज्य की तकदीर बदलने वाला है।
Haryana Film City में पिंजौर बनेगा फिल्म निर्माण का केंद्र
हरियाणा सरकार ने पंचकूला जिले के पिंजौर को पहली फिल्म सिटी के लिए चुना है। यहाँ 100 एकड़ की विशाल ज़मीन पर वर्ल्ड क्लास शूटिंग स्टूडियो, पोस्ट प्रोडक्शन यूनिट्स और क्रिएटिव वर्कस्पेस बनाए जाएंगे। अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए सलाहकारों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है, और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
पिंजौर की खूबसूरत प्राकृतिक बनावट और ऐतिहासिक इमारतें फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करेंगी। साथ ही, यहाँ मिलने वाली आधुनिक सुविधाएँ बाहरी प्रोडक्शन हाउसों को हरियाणा की ओर खींच सकती हैं। इससे स्थानीय कलाकारों, तकनीशियनों और यहाँ तक कि छोटे व्यवसायियों को भी फायदा होगा।
गुरुग्राम में बनेगी दूसरी फिल्म सिटी
दूसरे चरण में हरियाणा सरकार गुरुग्राम में एक और फिल्म सिटी विकसित करेगी। गुरुग्राम पहले से ही देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है, और यहाँ फिल्म सिटी बनने से यह शहर मनोरंजन उद्योग का भी केंद्र बन सकता है। इस प्रोजेक्ट का मकसद दिल्ली NCR के फिल्ममेकर्स को हरियाणा की ओर आकर्षित करना है।
गुरुग्राम की स्ट्रैटेजिक (Strategic) लोकेशन और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) की वजह से यहाँ इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स शूट मुमकिन होगा। सरकार का दावा है कि यहाँ टेक्नोलॉजी और स्मार्ट सोल्यूशंस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे यह फिल्म सिटी भारत की टॉप फिल्म हब्स में गिनी जाएगी।
सीएम सैनी का वादा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणवी संस्कृति और सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े फैसले किए हैं। रोहतक में आयोजित एक फिल्म महोत्सव में उन्होंने घोषणा की कि हरियाणवी फिल्मों को प्रसार भारती के साथ मिलकर दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाएगा।
हर हफ्ते एक हरियाणवी Film टीवी पर दिखाई जाएगी। साथ ही साथ, राज्य के सभी विश्वविद्यालयों (Universities) में फिल्म मेकिंग कोर्स शुरू किए जाएंगे ताकि युवाओं को इस क्षेत्र में प्रशिक्षण मिल सके। सरकार ने पुराने सिनेमाघरों को फिर से जीवित करने का भी फैसला किया है।
इसके लिए एक फिल्म प्रमोशन बोर्ड बनाया गया है, जो सिंगल स्क्रीन थिएटर्स को मॉडर्न बनाने में मदद करेगा। साथ ही, फिल्म निर्माताओं को सब्सिडी देने की प्रक्रिया को तेज़ किया गया है। पेंडिंग आवेदनों को 30 दिनों में मंजूरी दी जाएगी, और नए आवेदनों के लिए जल्द ही पोर्टल लॉन्च होगा।
फिल्म सिटी से क्या बदलाव आएगा?
इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा फायदा होगा रोजगार के नए अवसर। अनुमान है कि दोनों फिल्म सिटी के चालू होने के बाद 10,000 से ज्यादा युवाओं को सीधे तौर पर नौकरियाँ मिलेंगी। इसके अलावा, होटल, ट्रांसपोर्ट और फूड सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में भी रोज़गार बढ़ेगा। स्थानीय संस्कृति को ग्लोबल प्लेटफॉर्म मिलेगा, और हरियाणवी नृत्य, संगीत और बोली देश-विदेश में पहचानी जाएगी।
हालाँकि, कुछ चुनौतियाँ भी हैं। पर्यावरण विदों ने पिंजौर में ज़मीन के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठाए हैं। सरकार ने जवाब में कहा है कि निर्माण कार्य में ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा और पेड़ों की कटाई से बचा जाएगा।
हरियाणा की कहानी बदलने का समय
यह प्रोजेक्ट हरियाणा को केवल फिल्मों तक ही सीमित नहीं रखेगा, बल्कि राज्य की इकोनॉमी, पर्यटन और शिक्षा को भी मजबूत करेगा। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो आने वाले सालों में हरियाणा बॉलीवुड और OTT platforms का पसंदीदा डेस्टिनेशन बन सकता है।
यहाँ के युवाओं के लिए यह मौका है कि वे अपनी प्रतिभा दिखाकर देशभर में हरियाणा का नाम रोशन करें।
स्रोत: हरियाणा सरकार की प्रेस विज्ञप्ति और समाचार एजेंसी रिपोर्ट्स।
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