Haryana Desi Cow Subsidy: योजना 30,000 रुपये की आर्थिक मदद और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा

हरियाणा सरकार ने पशुपालकों और किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने “देसी गाय खरीदने पर 30,000 रुपये सब्सिडी” की घोषणा करते हुए प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को बढ़ावा देने का ऐलान किया।

इस योजना का मकसद रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर निर्भरता घटाकर पर्यावरण के अनुकूल जैविक खेती को प्रोत्साहित करना है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि कैसे यह पहल किसानों के साथ साथ पूरे राज्य के लिए फायदेमंद साबित होगी।


क्यों जरूरी है देसी गाय और प्राकृतिक खेती?

हरियाणा सरकार का मानना है कि देसी नस्ल की गायें (Desi Cow) न केवल पोषण से भरपूर दूध देती हैं, बल्कि इनके गोबर और मूत्र से जैविक खाद तैयार की जा सकती है। यह खाद रासायनिक उर्वरकों का सस्ता और टिकाऊ विकल्प है, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है

और फसलों को प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ रखती है। मुख्यमंत्री सैनी के अनुसार, “प्राकृतिक खेती अपनाकर किसान लागत घटा सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ भविष्य दे सकते हैं।”


सब्सिडी योजना के मुख्य बिंदु

  1. हरियाणा के किसानों को देसी गाय खरीदने पर सीधे 30,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
  2. सरकार किसानों को गोबर की खाद, जीवामृत, और दशपर्णी अर्क जैसे जैविक तरीके सिखाएगी।
  3. कुरुक्षेत्र में नए पॉलीक्लिनिक के साथ राज्यभर में 7 सरकारी पशु अस्पताल और 121 छोटी चिकित्सा इकाइयां काम कर रही हैं।

दूध उत्पादन में हरियाणा अव्वल, लेकिन चुनौतियां भी

हरियाणा राज्य दूध उत्पादन में 5.11 प्रतिशत योगदान देता है, जबकि राज्य में केवल 2.1 प्रतिशत दुध बाले पशु हैं। 2023 से 2024 में राज्य ने 1.22 करोड़ टन दूध का उत्पादन किया, जो प्रति व्यक्ति 1105 ग्राम प्रतिदिन के बराबर है जो की राष्ट्रीय औसत से दोगुना है।

लेकिन, दुधारू पशुओं की बढ़ती कीमतें (कभी-कभी लाखों रुपये तक) छोटे किसानों के लिए समस्या बन गई हैं। इसीलिए सरकार ने न सिर्फ सब्सिडी बढ़ाई है, बल्कि पशु बीमा योजना (Livestock Insurance Scheme) को भी मजबूत किया है।

पशु बीमा योजना के लाभ:

  • बड़े पशुओं का बीमा: सालाना ₹100 से ₹300
  • छोटे पशु (बकरी/भेड़): सिर्फ ₹25
  • अनुसूचित जाति के पशुपालकों को मुफ्त बीमा
  • मृत्यु पर ₹1 लाख तक का मुआवजा

अब तक 15.90 लाख पशु इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।


डेयरी उद्योग को सपोर्ट

सरकार डेयरी इकाइयों को भी आर्थिक मदद दे रही है:

  • 20-50 पशुओं वाली डेयरी: ब्याज पर सब्सिडी
  • 2, 4 और 10 पशु इकाई: 25% अनुदान
  • देसी नस्लों जैसे कि हरियाणवी,साहीवाल पर ₹5,000 से ₹20,000 तक इनाम

इसके अलावा, दूध उत्पादकों को ₹5 से ₹10 प्रति लीटर सब्सिडी और छात्रवृत्ति जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।


कुरुक्षेत्र और लाडवा में विकास के नए प्रोजेक्ट

मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र के गांव बिहोली में बने पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक (Veterinary Polyclinic) का ओपनिंग करी। यहां X-ray, अल्ट्रासाउंड, और सर्जरी जैसी मॉडर्न सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही, लाडवा क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में ₹794 करोड़ के विकास कार्य हुए हैं, जो कांग्रेस शासन के दौरान हुए खर्च से ढाई गुना अधिक है।


प्राकृतिक खेती भविष्य की राह

कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने जोर देकर कहा कि रासायनिक खेती ने मिट्टी की सेहत खराब कर दी है। गुरुकुल क्षेत्र में 180 एकड़ पर चल रही प्राकृतिक खेती इसका बेहतर विकल्प है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे गाय आधारित जैविक तकनीकें अपनाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।


आवेदन कैसे करें?

  1. हरियाणा पशुपालन विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
  2. ‘देसी गाय सब्सिडी योजना’ के सेक्शन में फॉर्म डाउनलोड करें।
  3. जरूरी दस्तावेज (आधार कार्ड, भूमि प्रमाण पत्र, बैंक डिटेल) जमा करें।
  4. नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र से सत्यापन करवाएं।

लेख निष्कर्ष

हरियाणा सरकार की यह पहल किसानों की आय बढ़ाने, पर्यावरण बचाने और पशुपालन को लाभदायक बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। देसी गायों से जुड़ी सब्सिडी, मुफ्त बीमा, और आधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देंगी।

अगर आप भी प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं।

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Anup

अनुप सिंह एक अनुभवी कंटेंट लेखक हैं, जो सरकारी योजनाओं, जनकल्याणकारी स्कीमों और सोशल वेलफेयर से जुड़ी जानकारी सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुत करते हैं। इनका उद्देश्य है कि भारत के हर नागरिक तक सही और सटीक जानकारी पहुंचे ताकि वे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।

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