भारत के अन्नदाताओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण दिख रही है। राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में ‘कृषि उद्योग समागम’ कार्यक्रम में ऐलान किया कि अब सरकारी सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुँचेगी। इससे न सिर्फ बिचौलियों पर लगाम लगेगी, बल्कि हर साल किसान को लगभग पैंतीस हजार रूपए अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा।
अमेरिका से सबक लेते हुए
राष्ट्रपति धनखड़ ने अपने संबोधन में एक दिलचस्प तुलना पेश की। उन्होंने बताया कि अमेरिका में किसान परिवारों की आय आम परिवारों से भी ज़्यादा होती है, क्योंकि वहाँ सरकार सीधे उनके खाते में आर्थिक मदद पहुँचाती है।
उनका सुझाव है कि अगर भारत में भी खाद, बीज और कृषि यंत्रों की सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए किसानों को मिले, तो खेती में बड़ा बदलाव आ सकता है। इससे भ्रष्टाचार घटेगा और किसानों को उनका पूरा हक़ मिलेगा।
किसान बनें उद्यमी, सिर्फ उत्पादक नहीं
राष्ट्रपति ने एक महत्वपूर्ण बात पर ज़ोर दिया: “आज के ज़माने में किसान को सिर्फ़ फसल उगाने वाला नहीं, बल्कि एक उद्यमी बनना होगा।” उन्होंने कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) से आग्रह किया कि वे किसानों को व्यवसायिक प्रशिक्षण देने पर काम करें। पीएम किसान सम्मान निधि योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि अन्य सब्सिडी भी इसी तर्ज़ पर काम करनी चाहिए।
सोलर पंप से कम होगी खेती की लागत
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि प्रदेश के 32 लाख किसानों को सोलर एनर्जी पंप दिए जाएंगे, जिन पर सरकार 90% तक की सहायता देगी। इससे डीजल और बिजली पर होने वाला भारी खर्च घटेगा, और किसानों की आय में वृद्धि होगी। साथ ही, यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।
नए फूड पार्क और आधुनिक मशीनें
सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई नई योजनाएं ला रही है। छिंदवाड़ा और मंडला में फूड प्रोसेसिंग पार्क बनाए जाएंगे, जबकि नरसिंहपुर में 102 हेक्टेयर में एक बड़ा इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किया जा रहा है।
इनसे किसानों को अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा और वे प्रोसेस्ड उत्पाद बनाकर अधिक मुनाफ़ा कमा सकेंगे। इसके अलावा, आधुनिक कृषि यंत्र भी सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
विकसित भारत की नींव खेतों से बनेगी
धनखड़ ने एक मार्मिक बात कही “देश की तरक्की का रास्ता खेतों से होकर गुज़रता है।” उन्होंने याद दिलाया कि भारत की अर्थव्यवस्था में किसानों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। कृषि हमारी आर्थिक रीढ़ है, और किसानों को मज़बूत करना देश को मज़बूत करना है।
मेलों से मिल रहा है ज्ञान और बाज़ार
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कृषि मेलों की भूमिका को रेखांकित किया। इन आयोजनों के ज़रिए किसानों को नई तकनीकों, आधुनिक उपकरणों और सीधे बाज़ार तक पहुँच मिलती है, जिससे उनकी आय और आत्मविश्वास दोनों बढ़ते हैं।
आगामी आयोजन
मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि अगला कृषि मेला जुलाई में सतना में होगा। इसके बाद मुरैना (चंबल क्षेत्र) और अक्टूबर में सीहोर में राज्यस्तरीय मेले आयोजित किए जाएंगे, जहाँ किसान नवीनतम कृषि तकनीकों से रूबरू होंगे।
निष्कर्ष
यह नई सीधी सब्सिडी योजना भारतीय कृषि के भविष्य में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। सब्सिडी का पैसा सीधे खातों में आने से किसानों की आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी, खेती की लागत घटेगी और उन्हें उद्यमी बनने का मौका मिलेगा।
सोलर पंप, फूड पार्क और आधुनिक मशीनों जैसे कदम मिलकर किसानों को सशक्त बनाएंगे। जैसा राष्ट्रपति ने कहा किसानों की खुशहाली ही विकसित भारत की असली नींव है।
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