भारतीय शतरंज के नए चमकते सितारे और वर्तमान विश्व Chess चैंपियन, D Gukesh, ने अपनी अद्भुत खेल प्रतिभा से दुनिया को चकित कर दिया है। मात्र 17 वर्ष की आयु में इतिहास रचने वाले गुकेश का जीवन केवल 64 खानों तक सीमित नहीं है। उनकी शैक्षिक यात्रा भी उनके करियर की तरह ही दिलचस्प और प्रेरणादायक है।
गुकेश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई स्थित मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल, वेलाचेरी से प्राप्त की। यहीं से उन्होंने अपनी दसवीं कक्षा कक्षा दसवीं की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान वे एक सामान्य छात्र की तरह ही स्कूल जाते थे और अपनी पढ़ाई के साथ-साथ शतरंज का अभ्यास भी जारी रखते थे।
शतरंज की बुलंदियों और शिक्षा का संतुलन
हालाँकि, जैसे-जैसे गुकेश की शतरंज प्रतिभा निखरने लगी और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टूर्नामेंट्स में भाग लेने के लिए विदेश यात्राएँ बढ़ने लगीं, पारंपरिक स्कूली शिक्षा जारी रखना एक बड़ी चुनौती बन गया। लगातार यात्राएँ, प्रशिक्षण शिविर और प्रतियोगिताएँ उनके लिए नियमित कक्षाओं में उपस्थित रहना मुश्किल बना रही थीं।
इस चुनौती का समाधान निकालते हुए गुकेश और उनके परिवार, विशेषकर उनके पिता डॉ. राजनीकांत जो स्वयं एक डॉक्टर हैं उन्होंने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। गुकेश ने होमस्कूलिंग का रास्ता चुना। यह विधा गुकेश को उनकी शैक्षणिक ज़रूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनके व्यस्त शतरंज कार्यक्रम के लिए लचीलापन प्रदान करती है।
वर्तमान शैक्षणिक स्थिति और भविष्य
गुकेश ने होमस्कूलिंग के माध्यम से अपनी बारहवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की है। उनकी शैक्षणिक योग्यता इस प्रकार है:
- कक्षा 10: मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल, वेलाचेरी, चेन्नई से पास की।
- कक्षा 12: होमस्कूलिंग के माध्यम से पास की (विशिष्ट बोर्ड की जानकारी सार्वजनिक रूप से विस्तृत नहीं है, लेकिन यह एक मान्यता प्राप्त माध्यम होगा)।
उनके शैक्षणिक भविष्य के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी सार्वजनिक नहीं है। वर्तमान में, उनका पूरा ध्यान अपने शतरंज करियर पर है, खासकर विश्व चैंपियन के रूप में अपना खिताब बरकरार रखने और नए मुकाम हासिल करने पर। हालाँकि, उनके पिता ने अतीत में यह ज़रूर कहा है कि गुकेश उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, संभवत विज्ञान या गणित के क्षेत्र में, जब समय उपयुक्त होगा।
शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण
Gukesh का मानना है कि शिक्षा बेहद महत्वपूर्ण है। होमस्कूलिंग का चुनाव शिक्षा को त्यागना नहीं, बल्कि अपनी विशिष्ट परिस्थितियों में उसे जारी रखने का एक व्यावहारिक तरीका है। उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि जुनून, अनुशासन और सही समर्थन के साथ, व्यक्ति अपने पेशेवर सपनों को पूरा करते हुए भी शैक्षणिक मार्ग पर आगे बढ़ सकता है।
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सार निष्कर्ष
D Gukesh की शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10 और 12 पास शायद परंपरागत दृष्टि से साधारण लगे, लेकिन उनके संदर्भ में यह असाधारण संकल्प और सचेत विकल्पों की कहानी कहती है। उन्होंने होमस्कूलिंग के माध्यम से शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखी है, जबकि दुनिया के सर्वोच्च शतरंज खिताब पर कब्ज़ा जमाया है।
Gukesh का सफर युवा प्रतिभाओं के लिए एक शक्तिशाली संदेश है सही रणनीति और परिवार के समर्थन से, जुनून और शिक्षा दोनों के मार्ग पर एक साथ चला जा सकता है। वह न केवल शतरंज बिसात के मास्टर हैं, बल्कि जीवन की चुनौतियों को अपने अनुकूल ढालने में भी कुशल हैं। उनकी शैक्षिक यात्रा भी उनकी चैंपियनशिप की तरह ही प्रेरक है।