UPI के नियमों में बड़ा बदलाव, जानिए नए नियम डिटेल में

अगर आप भी उन करोड़ों भारतीयों में से हैं जिनकी जेब में अब सिर्फ मोबाइल फोन है और UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) आपकी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारत के डिजिटल भुगतान संचालक, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), ने UPI सिस्टम को और भी तेज, सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए कुछ अहम बदलावों की घोषणा की है।

ये बदलाव जून और अगस्त 2025 में लागू होंगे और इनका सीधा असर हर UPI यूजर, चाहे वह आम आदमी हो या व्यापारी, पर पड़ेगा। चलिए, विस्तार से समझते हैं क्या हैं ये UPI नए नियम और आपको कैसे तैयार रहना चाहिए।

UPI के नियमों में पहला बड़ा बदलाव

अक्सर ऐसा होता था कि हम UPI के जरिए पैसा भेजते समय रिसीवर के नाम के बजाय उनके द्वारा सेट किया गया कोई कस्टम नाम (जैसे “मम्मी का अकाउंट”, “दोस्त राहुल”, “दुकान वाला”) देखते थे। इससे गलती से गलत व्यक्ति को पैसा ट्रांसफर करने का खतरा बना रहता था।

NPCI के नए UPI गाइडलाइंस के मुताबिक, 1 जून 2025 से जब भी आप किसी को पेमेंट करेंगे, तो आपको स्क्रीन पर सिर्फ और सिर्फ उस व्यक्ति या संस्था का असली नाम जो बैंक खाते में रजिस्टर्ड रहेगा वही नाम दिखाई देगा पुराना सेव किया हुआ नाम नहीं दिखाई देगा। अब निकनेम या एडिट किए गए नाम अब गायब हो जाएंगे।

यूजर्स को फायदा

इससे गलत अकाउंट में पैसा भेजने की गलतियों में भारी कमी आएगी, जिससे धोखाधड़ी के मामले कम होंगे और लेन-देन ज्यादा सुरक्षित होगा। पेमेंट करने से पहले आपको बस यह जांचना है कि जो नाम स्क्रीन पर दिख रहा है, वही सही रिसीवर है।

अब दोगुनी तेज होगी UPI ट्रांजैक्शन की स्पीड

क्या आपने कभी UPI पेमेंट करते समय “प्रोसेसिंग” स्क्रीन देखकर इंतजार किया है? NPCI इस अनुभव को बेहतर बना रहा है। नए नियमों के तहत, UPI पेमेंट का रिस्पॉन्स टाइम घटाकर सिर्फ 15 सेकंड कर दिया गया है।

पहले यह समय 30 सेकंड तक हो सकता था। इसका मतलब है कि आपका पेमेंट सफल हुआ या फेल, यह जानकारी आपको पहले के मुकाबले दोगुनी तेजी से मिल जाएगी।

यूजर्स को फायदा

यह नए नियम सभी UPI ऐप्स जैसे गूगल पे, फोनपे, पेटीएम, भीम और भी बाकी यूपीआई ऐप्स पर तारीख तीस जून दो हजार पच्चीस तक लागू हो जाना अनिवार्य है। इससे ट्रांजैक्शन की गति बढ़ेगी, यूजर अनुभव बेहतर होगा और पेमेंट के दौरान होने वाली अनिश्चितता कम होगी।

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अगस्त से लागू होने वाले अहम UPI नए नियम 

अगस्त महीने से कुछ और महत्वपूर्ण नियम लागू होंगे, जिनका मकसद UPI सिस्टम पर पड़ने वाले अनावश्यक लोड को कम करना और सिस्टम को अधिक स्थिर बनाना है:

  1. बैलेंस चेक की लिमिट: क्या आप भी बार-बार अपना बैंक बैलेंस चेक करते हैं? अब एक दिन में एक ही UPI ऐप जैसे सिर्फ PhonePe या सिर्फ Google Pay से आप अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेंगे।
  2. बैंक अकाउंट लिस्ट देखने की सीमा: UPI ऐप में जब आप पेमेंट करने जाते हैं, तो आपके जुड़े हुए सभी बैंक अकाउंट्स की लिस्ट दिखाई देती है। अब आप एक दिन में इस लिस्ट को सिर्फ 25 बार ही देख सकेंगे। यह भी सर्वर लोड को कम करने के उद्देश्य से है।
  3. ऑटो-पे का नया समय: आपके रेकरिंग बिल पेमेंट्स, सब्सक्रिप्शन जैसे ऑटोमैटिक पेमेंट्स अब सिर्फ नॉन-पीक घंटों में ही प्रोसेस होंगे। पीक टाइम में UPI पर ट्रैफिक बहुत ज्यादा होता है।
  4. ट्रांजैक्शन के बाद ऑटो बैलेंस डिस्प्ले: यह एक बेहतरीन फीचर है! अब जब भी आप कोई UPI पेमेंट करेंगे (चाहे सफल हो या असफल), उसके तुरंत बाद आपके खाते का अपडेटेड बैलेंस  पेमेंट कन्फर्मेशन स्क्रीन पर ही दिख जाएगा।

Anup

अनुप सिंह एक अनुभवी कंटेंट लेखक हैं, जो सरकारी योजनाओं, जनकल्याणकारी स्कीमों और सोशल वेलफेयर से जुड़ी जानकारी सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुत करते हैं। इनका उद्देश्य है कि भारत के हर नागरिक तक सही और सटीक जानकारी पहुंचे ताकि वे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।

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