Digital Birth Certificate: अब नहीं होगा कागज वाला जन्म प्रमाण पत्र मान्य, ऐसे बनाए

Digital Birth Certificate: भारत देश का डिजिटल सफर अब नागरिकों के जीवन के सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ तक पहुँच चुका है। जी हाँ, हम अभी बात कर रहे हैं जन्म प्रमाण पत्र की। सरकार ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब से कागज पर छपा जन्म प्रमाण पत्र धीरे धीरे अपनी मान्यता खोने वाला है।

उसकी जगह डिजिटल बर्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य हो गया है। यह सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि सरकारी सेवाओं को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित, सुविधाजनक बनाने की एक बड़ी पहल है।

क्या है यह Digital Birth Certificate?

डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, जन्म से जुड़ी जानकारी का एक पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड है। इसमें बच्चे का नाम, जन्म की सही तारीख और समय, जन्म स्थान और माता पिता का नाम व अन्य विवरण सुरक्षित रूप से संग्रहीत रहते हैं। यह प्रमाण पत्र आधिकारिक पोर्टल जैसे कि रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट या राज्यों के नागरिक पंजीकरण पोर्टल से ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है।

पारंपरिक कागजी प्रमाणपत्र से इसकी सबसे बड़ी खूबी है इसकी सुरक्षा और प्रामाणिकता। डिजिटल बर्थ सर्टिफिकेट में अक्सर यूनिक आईडी नंबर, क्यूआर कोड और डिजिटल हस्ताक्षर होते हैं। इन्हीं के जरिए कहीं भी, कभी भी इसकी वास्तविकता की जांच की जा सकती है। इससे नकली दस्तावेज बनाने या जानकारी में छेड़छाड़ की संभावना काफी हद तक खत्म हो जाती है।

क्यों जरूरी हो गया है डिजिटल बर्थ सर्टिफिकेट?

  1. बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए डिजिटल बर्थ सर्टिफिकेट जरूरी होगा।
  2. वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए भी यही डिजिटल प्रमाण चाहिए होगा।
  3. बच्चे का एडमिशन करवाते समय अब स्कूल डिजिटल बर्थ सर्टिफिकेट मांगेंगे।
  4. कई सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लिए दस्तावेज़ सत्यापन में यह प्रमाणपत्र अनिवार्य है।
  5. नए पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय जन्म प्रमाण के तौर पर डिजिटल सर्टिफिकेट जमा करना होगा।

कैसे बनवाएं अपना डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र?

सबसे पहले, आपको राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर या रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के अधिकारिक सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) पोर्टल पर जाना होगा, हालाँकि ध्यान रखें कि कई राज्यों के अपने अलग पोर्टल भी हैं, उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश का जन्म-मृत्यु पंजीकरण पोर्टल। वेबसाइट पर पहुँचने के बाद, आपको अपना राज्य और फिर उस जन्म पंजीकरण इकाई का चयन करना होगा जहाँ जन्म हुआ था या पंजीकृत किया जाना है

जैसे कि कोई विशिष्ट अस्पताल या नगर निगम वार्ड। इसके बाद, आपके सामने ऑनलाइन आवेदन फॉर्म खुलेगा, जिसमें बच्चे का पूरा नाम, जन्म की सही तारीख और समय, जन्म स्थान लिंग तथा माता-पिता का विस्तृत विवरण ध्यानपूर्वक भरना होगा। फॉर्म के साथ, निर्धारित दस्तावेजों की स्कैन कॉपियाँ अपलोड करना अनिवार्य है। इनमें अस्पताल द्वारा जारी जन्म प्रमाण या फिर गवाहों का हलफनामा माता-पिता का वैध पहचान प्रमाण और पता प्रमाण शामिल हैं।

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जरूरी जानकारी

कुछ मामलों में बच्चे की फोटो भी लग सकती है। कुछ विशेष परिस्थितियों या देरी से पंजीकरण के लिए, नामित आवेदन शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करना पड़ सकता है। सभी जानकारी भरने और जरूरी दस्तावेज अपलोड करने के पश्चात, फॉर्म को सबमिट कर दें ऐसा करने पर आपको एक आवेदन संदर्भ संख्या प्राप्त होगी, जिसकी मदद से आप अपने आवेदन की वर्तमान स्थिति को जब चाहे ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।

संबंधित अधिकारियों द्वारा आपकी दी गई जानकारी और जमा किए गए दस्तावेजों का सफलतापूर्वक सत्यापन हो जाने के बाद, आपका डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। अंत में, आप उसी पोर्टल पर लॉग इन करके अपना डिजिटल सर्टिफिकेट सीधे डाउनलोड कर सकते हैं।

Anup

अनुप सिंह एक अनुभवी कंटेंट लेखक हैं, जो सरकारी योजनाओं, जनकल्याणकारी स्कीमों और सोशल वेलफेयर से जुड़ी जानकारी सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुत करते हैं। इनका उद्देश्य है कि भारत के हर नागरिक तक सही और सटीक जानकारी पहुंचे ताकि वे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।

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