Bullet Train in India: बुलेट ट्रैन का सपना जल्द होगा साकार, 2026 तक शुरू हो सकता है सफर

बुलेट ट्रेन का सपना अब धीरे-धीरे हकीकत की राह पर चल पड़ा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (MAHSR) के निर्माण कार्य की एक बड़ी अपडेट साझा की है। उनके अनुसार, इस प्रोजेक्ट का 300 किलोमीटर लंबा वायाडक्ट (उठा हुआ रेल मार्ग) पूरी तरह तैयार हो चुका है।

यह न केवल भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में एक मील का पत्थर है, बल्कि देश को 320 किमी/घंटा की स्पीड से दौड़ने वाली ट्रेन की ओर एक कदम और करीब ले जाता है। आइए, जानते हैं कि कहां पहुंचा है यह प्रोजेक्ट और क्या हैं इसकी खास बातें।

क्या है वायाडक्ट इसका महत्व?

वायाडक्ट, जो कि बुलेट ट्रेन के मार्ग का सबसे लंबा हिस्सा है, का निर्माण पूरा हो चुका है। यह एलीवेटेड स्ट्रक्चर ट्रेन को शहरी इलाकों, नदियों, और हाईवेज के ऊपर से बिना रुकावट गुजरने में मदद करेगा।

इसकी खासियत है कि इसे भूकंपरोधी डिज़ाइन के साथ बनाया गया है, जो जापानी शिंकानसेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। वायाडक्ट के पूरा होने से अब निर्माण टीम का फोकस अंडरग्राउंड स्टेशन और टनल्स पर शिफ्ट हो गया है।

मुंबई का अंडरग्राउंड स्टेशन

Bullet Train in India: मुंबई स्टेशन बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) के नीचे बन रहा है, जो जमीन से 32 मीटर (लगभग 10 मंजिल) की गहराई पर स्थित होगा। इस स्टेशन की खुदाई का 76% काम पूरा हो चुका है। NHSRCL (National High-Speed Rail Corporation) का कहना है, यहां कुल 18.7 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी निकाली जानी है, जिसमें अब तक 14.2 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी को हटाया जा चुका है।

स्टेशन की मुख्य विशेषताएं:

  • 3 मंजिला डिज़ाइन: प्लेटफॉर्म लेवल, कॉनकोर्स लेवल, और सर्विस एरिया।
  • 6 प्लेटफॉर्म: प्रत्येक 415 मीटर लंबा, ताकि 16 कोच वाली ट्रेन आसानी से खड़ी हो सके।
  • मेट्रो और सड़क से कनेक्टिविटी: स्टेशन के दो एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स होंगे, जो मेट्रो लाइन 2B और MTNL बिल्डिंग से जुड़ेंगे।
  • प्राकृतिक रोशनी: एनर्जी सेविंग के लिए स्काइलाइट्स लगाए जाएंगे।

कैसे बन रहा है यह स्टेशन?

निर्माण में इस्तेमाल हो रही कंक्रीट को 120 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तैयार किया जा रहा है। इसके लिए तीन बैचिंग प्लांट्स लगाए गए हैं, जिनमें आइस प्लांट और चिलर सिस्टम भी शामिल हैं। इस सिस्टम का काम कंक्रीट के तापमान को 18 डिग्री तक मेन्टेन रखना है, ताकि गर्मी में दरारें न पड़ें।

हवाई जहाज से सस्ता होगा सफर!

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में बताया कि बुलेट ट्रेन का किराया हवाई यात्रा से काफी कम होगा। अनुमान के मुताबिक, मुंबई से अहमदाबाद का टिकट ₹2500 से ₹3000 के बीच हो सकता है। यह कीमत वर्तमान फर्स्ट एसी ट्रेन के किराए को आधार बनाकर तय की जा रही है, जिससे यह सेवा आम यात्रियों के लिए भी सुलभ होगी।

कब तक शुरू होगी बुलेट ट्रेन?

प्रोजेक्ट को शुरू में 2026 तक लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन जमीन अधिग्रहण और तकनीकी अड़चनों के कारण इसमें देरी हुई है। महाराष्ट्र में 72% भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है, जबकि गुजरात में 98% हुआ है। हालांकि, निर्माण की रफ्तार की तरफ देखते हुए उम्मीद कि जा सकती है कि वर्ष 2027 या 28 तक यह सेवा शुरू हो जाएगी।

पर्यावरण और इकोनॉमी पर क्या होगा प्रभाव?

  • कार्बन उत्सर्जन में कमी: बुलेट ट्रेन डीजल-इलेक्ट्रिक हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर चलेगी, जिससे प्रदूषण कम होगा।
  • रोजगार के अवसर मिले: 20,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
  • टूरिज्म को बढ़ावा: मुंबई-अहमदाबाद के बीच का सफर सिर्फ 2 घंटे में पूरा होगा, जो व्यापार और पर्यटन को गति देगा।

कैसी है तकनीक?

भारत की पहली बुलेट ट्रेन जापान की शिंकानसेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो दुनिया की सबसे सुरक्षित हाई-स्पीड रेल प्रणाली मानी जाती है। इसमें अर्थक्वेक प्रूफ डिज़ाइन, ऑटोमेटेड ट्रेन कंट्रोल, और एंटी-डेरेलमेंट सिस्टम जैसी फीचर्स शामिल हैं।

एक नए युग की शुरुआत

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट न केवल भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता को दिखाएगा, बल्कि देश को ग्लोबल हाई-स्पीड रेल नेटवर्क का हिस्सा बनाएगा। हालांकि चुनौतियां बाकी हैं, लेकिन निर्माण की गति और तकनीकी उन्नति को देखते हुए यह सपना जल्द ही सच होता नजर आएगा।

Anup

अनुप सिंह एक अनुभवी कंटेंट लेखक हैं, जो सरकारी योजनाओं, जनकल्याणकारी स्कीमों और सोशल वेलफेयर से जुड़ी जानकारी सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुत करते हैं। इनका उद्देश्य है कि भारत के हर नागरिक तक सही और सटीक जानकारी पहुंचे ताकि वे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।

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