रेत के टीलों पर चमकेगी विकास की ‘गोल्डन हाइवे’ इन जिलों को होगा लाभ Highway Project 2025

केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। 2025 तक पूरा होने वाले नए हाइवे प्रोजेक्ट के तहत हरियाणा के सिरसा और राजस्थान के चूरू जिलों को जोड़ने की योजना बनाई गई है। यह हाईवे राजस्थान के रेतीले और ग्रामीण इलाकों से गुजरेगा, जिससे दोनों राज्यों के बीच यातायात, व्यापार और सामाजिक संपर्क को नई गति मिलेगी। आइए जानते हैं कि यह हाइवे प्रोजेक्ट कैसे बदलाव लाने वाला है।

सिरसा से चूरू तक सफर होगा आसान और तेज

वर्तमान में सिरसा से चूरू का सफर लगभग 4-5 घंटे का है, जो खराब सड़कों और घुमावदार रास्तों के कारण चुनौतीपूर्ण होता है। नया Highway Project 2025 इस दूरी को घटाकर ढाई से तीन घंटे तक लाने का लक्ष्य रखता है। यह मार्ग होकर जमाल, फेफाना, नोहर और तारानगर होते हुए चूरू तक पहुंचेगा। शुरुआती चरण में 34 किलोमीटर का निर्माण प्रस्तावित है, जिसे भविष्य में नेशनल हाईवे नेटवर्क से जोड़कर दिल्ली-जयपुर जैसे शहरों से सीधा कनेक्शन दिया जाएगा।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

इस हाईवे का सबसे बड़ा फायदा ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों को मिलेगा। राजस्थान के पश्चिमी हिस्से, जहां अभी तक बुनियादी ढांचे की कमी है, वहां व्यापार और रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे।किसानों को लाभ होगा जिससे सिरसा और नोहर के कपास-गेहूं उत्पादकों तथा चूरू के सरसों-बाजरा किसानों को बड़े मंडियों तक पहुंचने में आसानी होगी।

यह प्रोजेक्ट युवाओं के लिए नया अवसर बन के आ रहा है इससे शहरों तक पहुंच आसान होने से शिक्षा और नौकरी के विकल्प बढ़ेंगे। साथ ही लघु उद्योगों को मिलगा सपोर्ट कपड़ा और हस्तशिल्प जैसे स्थानीय व्यवसायों को नए बाजार मिलेंगे।

ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार

फिलहाल सिरसा-चूरू रूट पर सीमित बस सेवाएं और खराब सड़कें यात्रियों की मुश्किलें बढ़ाती हैं। नए हाईवे के बनने के बाद सरकारी और प्राइवेट बस ऑपरेटर्स नई सेवाएं शुरू करेंगे। जितनी भी लोजिस्टिक्स कंपनियां है उन्हें भारी वाहनों की आवाजाही में सुविधा होगी। साथ ही टूरिज्म के लिए भी संभावनाएं बनेंगी, क्योंकि यह मार्ग थार डेजर्ट के किनारे से गुजरेगा।

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इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का रोडमैप

इस Highway Project की पहली चरण की सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली गयी है, और सरकारी मंजूरी का इंतजार है। निर्माण कार्य 2024-25 के वित्तीय वर्ष में शुरू हो सकता है। शुरुआत में सड़क की चौड़ाई 15 फीट रखी जाएगी, लेकिन भविष्य में इसे 4 लेन हाईवे में अपग्रेड किया जाएगा। इससे ट्रैफिक जाम और एक्सीडेंट्स की समस्या कम होगी।

प्रॉपर्टी और इनवेस्टमेंट के अवसर

जब भी किसी इलाके में नई सड़क बनती है, वहां की जमीनों की कीमतें बढ़ जाती हैं। सिरसा, नोहर और चूरू के आसपास के गांवों में भी यह ट्रेंड देखने को मिल सकता है। रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि:

  • रिहायशी कॉलोनियों और वेयरहाउसिंग प्रोजेक्ट्स का विकास होगा।
  • होटल्स और पेट्रोल पंप्स जैसी सुविधाएं बढ़ेंगी।
  • स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ प्रॉपर्टी किराए पर देकर आय का नया जरिया मिलेगा।

चुनौतियां और समाधान

हालांकि, रेतीले इलाकों में हाईवे निर्माण आसान नहीं है। टिब्बों की वजह से सड़कों का डिज़ाइन बदलना पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, सॉइल स्टेबलाइजेशन टेक्नीक (Stylish Stabilization Technology) और एडवांस्ड ड्रेनेज सिस्टम (Advance Drainage System) का इस्तेमाल करके इन समस्याओं से निपटा जाएगा।

विकास की नई गाथा

यह हाईवे प्रोजेक्ट न केवल दो जिलों, बल्कि दो राज्यों की अर्थव्यवस्था को जोड़ने का काम करेगा। सरकार के अनुसार, 2025 तक इसके पूरा होने पर यह क्षेत्र रोजगार, शिक्षा और पर्यटन का हब बन सकता है। अगर आप भी इस प्रोजेक्ट से जुड़ी अपडेट्स चाहते हैं, तो सरकारी वेबसाइट्स और लोकल न्यूज़ चैनल्स से जुड़े रहें।

Anup

अनुप सिंह एक अनुभवी कंटेंट लेखक हैं, जो सरकारी योजनाओं, जनकल्याणकारी स्कीमों और सोशल वेलफेयर से जुड़ी जानकारी सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुत करते हैं। इनका उद्देश्य है कि भारत के हर नागरिक तक सही और सटीक जानकारी पहुंचे ताकि वे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।

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