Onion Rate Hike: प्याज की कीमतों में तूफान आने वाला है! जानें क्यों बढ़ेंगे दाम

Onion Rate Hike: दक्षिण और मध्य भारत में मई महीने में भारी बारिश होने के कारण प्याज बाले किसानों के लिए बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। महाराष्ट्र, जो देश में सबसे ज्यादा प्याज पैदा करता है, सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां हजारों टन प्याज की फसल बारिश की वजह से बर्बाद हो गई है। इससे किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है और बाजार में प्याज के दाम फिर से बढ़ने की आशंका है।

किसानों की मुश्किलें और मांग

महाराष्ट्र के 14 जिले जैसे जलगांव, धुले, नासिक, पुणे, सोलापुर, बीड, अकोला बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राज्य के कांदा उत्पादक संगठन ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। उनका कहना है कि 6 मई के बाद हुई बारिश ने रबी सीजन की प्याज की पूरी फसल खेतों में ही नष्ट कर दी या भंडारण से पहले ही सड़ा दी।

प्रभावित किसानों को तुरंत मदद की जरूरत है। संगठन ने राज्य सरकार से दो मुख्य मांगें की हैं:

  1. जिन किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई, उन्हें प्रति एकड़ 1 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए।
  2. जिन किसानों ने प्याज की कटाई तो कर ली, लेकिन भंडारण नहीं कर पाए और उनका प्याज खराब हो गया, उन्हें प्रति क्विंटल 2000 रुपये की सहायता (सब्सिडी) मिलनी चाहिए।

संगठन ने कहा कि हजारों टन प्याज खेतों में सड़ गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उनके पास अब बचत के साधन नहीं बचे हैं।

बाजार पर असर और कीमतों की आशंका

इस बड़े पैमाने पर फसल बर्बादी का असर बाजार में जल्द ही दिखने की आशंका है। प्याज की आपूर्ति कम होने से दाम बढ़ना तय लगता है। पिछले सालों में ऐसी स्थितियों में प्याज का भाव 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है। अगर सरकार ने समय पर कदम नहीं उठाए, तो इस बार भी कीमतें इस स्तर को छू सकती हैं।

सरकारी कदमों की उम्मीद

किसानों के संगठन ने केंद्रीय एजेंसी नैफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन) से भी पारदर्शी तरीके से प्याज खरीदने की मांग की है। उनका सुझाव है कि केंद्र सरकार को कम से कम 3000 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर 3 लाख टन प्याज खरीदकर अपना भंडार (बफर स्टॉक) बढ़ाना चाहिए। यह कदम न सिर्फ किसानों को उचित दाम दिलाएगा, बल्कि बाजार में प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने में भी मदद करेगा।

तुरंत कार्रवाई की जरूरत

कांदा उत्पादक संगठन ने महाराष्ट्र सरकार से तुरंत कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द फसल नुकसान का सही आकलन करना चाहिए और प्रभावित किसानों को राहत राशि तुरंत देनी चाहिए। ताकि वे अगले खरीफ सीजन की तैयारी ठीक से कर सकें। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर अभी मदद नहीं मिली, तो बहुत से किसान अगली बार प्याज की खेती करने की स्थिति में नहीं रहेंगे, जिससे भविष्य में आपूर्ति पर और दबाव पड़ेगा

सरकार के कदम ही तय करेंगे भविष्य

आने वाले हफ्तों में प्याज की कीमतें कितनी बढ़ेंगी, यह काफी हद तक राज्य और केंद्र सरकार की त्वरित कार्रवाई पर निर्भर करेगा। किसानों को तत्काल मुआवजा और नैफेड द्वारा बड़े पैमाने पर खरीदारी ही बाजार में संतुलन बनाए रख सकती है और आम उपभोक्ताओं को महंगे प्याज से बचा सकती है। उपभोक्ताओं के लिए बाजार और सरकारी योजनाओं पर नजर बनाए रखना जरूरी होगा।

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Anup

अनुप सिंह एक अनुभवी कंटेंट लेखक हैं, जो सरकारी योजनाओं, जनकल्याणकारी स्कीमों और सोशल वेलफेयर से जुड़ी जानकारी सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुत करते हैं। इनका उद्देश्य है कि भारत के हर नागरिक तक सही और सटीक जानकारी पहुंचे ताकि वे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।

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