Vishesh Dakhila Abhiyan: हरियाणा सरकारी स्कूल के अध्यापकों के लिए इस वर्ष एक नया लक्ष्य सामने आया है यह अभियान एक नई जिम्मेबारी को निभाने का अबसर है। जहां बच्चे गर्मी की छुट्टियों में घर पर आराम करेंगे या मौज-मस्ती करेंगे, वहीं उनके टीचर्स को स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए एक विशेष मुहिम पर निकलना होगा।
राज्य के शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए इस बार की गर्मी की छुट्टियों को “Vishesh Dakhila Abhiyan” के लिए समर्पित कर दिया है।
क्या है यह पूरा अभियान?
हरियाणा राज्य में 1 जून 2025 से गर्मियों की छुटियाँ पड़ने बाली हैं विशेष दाखिला अभियान 1 तारीख से ही शुरू होने बाला है। हरियाणा शिक्षा निदेशालय के अनुसार प्रत्येक टीचर को हर दिन कम से कम 10 घरों में जाकर अभिभावकों से सीधा संपर्क करना होगा।
इन मुलाकातों का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों को सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए प्रेरित करना और जागरूक करना है। शिक्षकों की यह ड्यूटी सिर्फ दाखिला फॉर्म भरवाने तक सीमित नहीं होगी। उन्हें दो और महत्वपूर्ण काम करने होंगे। पहला काम है अपने स्कूल के आसपास की बस्तियों और गांवों में उन बच्चों की खोज करना जो किसी भी कारण वजह स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।
दूसरा बड़ा काम है अभिभावकों को समझाना। कई परिवारों को सरकारी स्कूलों में मिलने वाली अच्छी सुविधाओं, मुफ्त किताबों, यूनिफॉर्म, मध्यान्ह भोजन और शिक्षा के बेहतर होते स्तर के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती। शिक्षकों को इन सभी बातों को धैर्यपूर्वक समझाकर अभिभावकों का विश्वास जीतना होगा और उनकी गलतफहमियों को दूर करना होगा।
हर कदम का रखा जाएगा रिकॉर्ड
इस अभियान की सफलता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त रिपोर्टिंग व्यवस्था बनाई गई है। हर शिक्षक को प्रतिदिन एक रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इस रिपोर्ट में यह सारी जानकारी देनी होगी: किस क्षेत्र में दौरा किया गया।
कितने अभिभावकों से मुलाकात हुई, उनके संपर्क नंबर क्या हैं, और सबसे जरूरी, इन मुलाकातों के बाद कितने बच्चों का वास्तव में स्कूल में दाखिला हुआ। ये सभी रिपोर्ट्स शिक्षा विभाग को भेजी जाएंगी ताकि जमीनी हकीकत का पता चल सके।
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सार निष्कर्ष
हरियाणा सरकार का यह कदम इसलिए सराहनीय है क्योंकि इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी मासूम बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे। हालांकि, यह शिक्षकों के लिए निश्चित रूप से एक मेहनत भरा समय है। उनकी सालाना आराम की छुट्टियां इस बार सामुदायिक जिम्मेदारी में बदल गई हैं।
उम्मीद की जाती है कि शिक्षकों की इस कठिन मेहनत और जमीन पर किए गए प्रयासों से हरियाणा के सरकारी स्कूलों में, खासकर जहां दाखिला कम है, वहां बच्चों की संख्या में अच्छी बढ़ोतरी होगी। यह अभियान शिक्षा के प्रति सच्ची प्रतिबद्धता को दिखाता है।
इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि शिक्षक कितनी अच्छी तरह अभिभावकों को समझा पाते हैं और उन्हें सरकारी शिक्षा व्यवस्था के प्रति विश्वास दिला पाते हैं। यह मुहिम सिर्फ दाखिले की संख्या बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि हर बच्चे को उसके भविष्य को उज्जवल बनाने का मौका देने के लिए है।